गाँव से ग्लैमर तक: एक प्रेरणादायक यात्रा
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डॉ. ब्रिगेडियर राकेश कुमार गुप्ता की कहानी साधारण पृष्ठभूमि से असाधारण सफलता तक की एक जीवंत मिसाल है। अलीगढ़ के एक छोटे से गाँव में जन्मे डॉ. गुप्ता ने अपनी शिक्षा की शुरुआत हिंदी माध्यम के स्कूल से की, जहाँ उनके गुरुजी ने उन्हें सुबह 4 बजे मंदिर की सफाई और पूजा करने की प्रेरणा दी। यह अनुशासन और आध्यात्मिकता उनके जीवन का आधार बनी।
मेडिकल करियर: सेवा और समर्पण
- AMU से MBBS करने के बाद, उन्होंने भारतीय सेना मेडिकल कोर (AMC) में शामिल होकर देश सेवा का रास्ता चुना।
- 33 वर्षों तक सेना में सेवा देते हुए, उन्होंने सीमा पर तैनाती से लेकर पीडियाट्रिक एचआईवी मरीजों के इलाज तक, हर चुनौती को स्वीकार किया।
- 4 चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन और कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित हुए।
GIMS गाजियाबाद: एक क्रांतिकारी बदलाव
2018 में, गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (GIMS), गाजियाबाद के निदेशक बनने के बाद, उन्होंने संस्थान को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया:
- मरीजों की संख्या 3 गुना बढ़ाई (50 से 300+ प्रतिदिन एडमिशन)।
- कोविड-19 के दौरान 5000+ मरीजों का सफल इलाज किया और यूपी का पहला डेडिकेटेड COVID हॉस्पिटल बनाया।
- 2022 में यूपी का सर्वश्रेष्ठ मेडिकल संस्थान घोषित हुआ, जिसने सबसे अधिक सर्जरी, रिसर्च और इनोवेशन के लिए पहला पुरस्कार जीता।
शिक्षा और रिसर्च में उत्कृष्टता
- MBBS और PG कोर्सेज की शुरुआत की।
- 170+ रिसर्च प्रोजेक्ट्स, जिनमें ICMR और WHO द्वारा फंडेड 19 प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।
- 5 करोड़ रुपये की लैब स्थापित करके बायोमेडिकल रिसर्च को बढ़ावा दिया।
सफलता का मंत्र: आध्यात्मिकता और कड़ी मेहनत
डॉ. गुप्ता मानते हैं कि आध्यात्मिकता और योग ने उन्हें ऊर्जा और धैर्य दिया। उनका सुझाव है:
- लक्ष्य निर्धारित करो – “अर्जुन की तरह एकाग्र रहो।”
- गुरु और रोल मॉडल चुनो – सही मार्गदर्शन सफलता की कुंजी है।
- कभी हार मत मानो – “पहली बार सफलता न मिले, तो दूसरी बार कोशिश करो।”
संदेश युवाओं के लिए
“अगर एक गाँव का लड़का, हिंदी मीडियम से पढ़कर यहाँ तक पहुँच सकता है, तो आप क्यों नहीं? बस आत्मविश्वास और मेहनत से कुछ भी संभव है!”